’साहित्य वर्तमान और भविष्य दोनों को एक साथ जोड़ कर देखता है’- ’डॉ. अचल भारती’
बांका,बिहार (सशक्त हस्ताक्षर)। पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज धनबाद में स्नातकोत्तर हिंदी- विभाग की ओर से साहित्य वर्तमान और भविष्य विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन गरिमामयी सभा में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. अचल भारती ,पूर्व प्राचार्य लक्ष्मी प्रसाद खेतान महाविद्यालय , बाराहाट, बांका ,बिहार थे । स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भगवान पाठक ,डॉ.मुकुंद रविदास, डॉ. रीता सिंह, डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह के द्वारा मुख्य अतिथि को शाल श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर उनका स्वागत किया गया ।
काल परिस्थिति को प्रभावित करता है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ.अचल भारती ने कहा कि साहित्य देश काल परिस्थिति को प्रभावित करता है। इसलिए आने वाली पीढ़ी को भी इसके महत्व को समझना होगा। एक विवेकशील सृजनकार ही इसका सही-सही मूल्यांकन कर सकते हैं । अतः सृजन समय से अलग नहीं रह सकता है बल्कि दायित्व बोध पीढ़ी दर पीढ़ी की मांग होनी चाहिए। साहित्य वर्तमान और भविष्य दोनों को एक साथ जोड़ कर देखता है ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. भगवान पाठक ने कहा कि साहित्य संस्कृति की वाहक है और संस्कृति सभ्य समाज के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाती है साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं बल्कि दीपक है । डॉ मुकुंद रविदास ने कहा कि कल को किसने देखा है ? आज जो कर्म है, चिंतन में है , बस वही कल के लिए बड़ी बात है ।
भूत एवं भविष्य का तानाबाना
साहित्य वर्तमान ,भूत और भविष्य का ताना-बाना बुनने को सदैव तत्पर रहता है । अतः साहित्य निर्माण एक कला के साथ-साथ जीवन के लिए अनमोल कसौटी भी है । समाज और साहित्य निरंतर एक दूसरे को प्रभावित करते रहते हैं जिससे सामाजिक उन्नति होती है । साहित्य के द्वारा ही हम अपने देश का गौरव, संस्कृति, सभ्यता, रीति-रिवाज,रहन-सहन और परंपराओं से परिचित होते हैं ।
अतः समाज यदि शरीर है तो साहित्य उसकी आत्मा है । डॉ .रीता सिंह ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में साहित्य आज बेहद प्रासंगिक है , मूल्यों के अवमूल्यन के इस दौर में साहित्य आज भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है । डॉ .मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान समाज में साहित्य आज कितना उपादेय है, सुसंस्कृत समाज के निर्माण में इसकी क्या भूमिका है और अपने दायित्व के निर्वहन में कहां तक सफल है यह हमें समझना होगा । धन्यवाद ज्ञापन डॉ रीता सिंह व कार्यक्रम का संचालन डॉ मुकुंद रविदास ने किया ।
ये थे उपस्थित
कार्यक्रम में रिसर्च स्कॉलर सोनी कुमारी ,पांडव महतो ,रीना कुमारी ,रूपमणि , कविता ,बबिता ,जुली ,मिता नाहक ,सुमन,पंचमी,नीलम ,प्रमिला,सपना ,सोनिया हेम्ब्रम सहित द्वितीय सेमेस्टर की छात्र-छात्राएं उपस्थित थे ।
बहुत ही बढ़िया न्यूज़ को कभर किया गया है ।
जी, धन्यवाद
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