अध्ययन अन्वेषण की दृष्टि से कृति सर्वत्र नवीन और मौलिक है- डॉ. विनय कुमार पाठक
(डूमन ध्रुव)
–डॉ. भारती नायडू द्वारा लिखित कृति संगीत की दृष्टि से महादेवी वर्मा के काव्य का अनुशीलन का हुआ विमोचन
धमतरी(सशक्त हस्ताक्षर)। बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मकई गार्डन धमतरी में डॉ. भारती नायडू द्वारा लिखित कृति संगीत की दृष्टि से महादेवी वर्मा के काव्य का अनुशीलन का विमोचन समारोह बिलासपुर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. विनय कुमार पाठक के मुख्य आतिथ्य, डॉ चंद्रशेखर चौबे ने सेवानिवृत्त प्राचार्य बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव शासकीय महाविद्यालय धमतरी की अध्यक्षता एवं डॉ. अरुण कुमार यदु (बिलासपुर), डॉ. रोशन उपाध्याय के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ । मंचासीन अतिथि द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा में दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
अतिथियों का स्वागत सर्वप्रथम डॉ.भारती नायडू,एन.गुरुनाथ राव, श्रीमति गीतांजली नायडू, दीपक रचना नायडू, तरुण वीणा नायडू, श्रीमती प्रतिमा नायडू, श्रीमति रंजना नायडू, श्रीमति लक्ष्मी नायडू, श्रीमति रेश्मा नायडू, सुरेश प्रतिभा गुप्ता,प्रदीप यादव, श्रीमती ज्योति गुप्ता ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। तत्पश्चात संगीत की दृष्टि से महादेवी वर्मा के काव्य का अनुशीलन – डॉ.भारती नायडू की लिखित कृति का विमोचन डॉ.विनय कुमार पाठक एवं अतिथियों द्वारा किया गया।
विमोचन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. विनय कुमार पाठक ने कहा कि- डॉ.भारती नायडू साहित्य और संगीत की दृष्टि से जाना पहचाना नाम है। उनकी संगीत साधना से लोग सुपरिचित हैं। समीक्षा और शोध के माध्यम से भी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय क्षितिज को स्पर्श किया है। डॉ.भारती नायडू ने अपने साहित्य में भाव और राग की जुगलबंदी का अनोखा आयाम स्थापित किया है। वहीं उनके गेय काव्य अर्थात गीतों को नाद, स्वर, तान, लय, नृत्य, सरगम, मीड, कंपन, राग, तुक, छंद और रस योजना आदि के द्वारा विवेचित करके संगीतिक परीक्षण का भी सूत्रपात किया है । यह कहा जा सकता है कि अध्ययन अन्वेषण की दृष्टि से कृति सर्वत्र नवीन और मौलिक है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि डॉ.भारती नायडू की कृति लोकजीवन और आंचलिकता से स्पर्शित समकालीन गीत लोकमानस से जुड़ा है। उन्होंने खुली आंखों से जीवन को देखा है और अंतजर्गत से बहिजर्गत की ओर गतिमान होकर समकालीन घटनाक्रम को उकेरने के लिए विस्तृत कैनवास का आधार ग्रहण किया है।
डॉ.रोशन उपाध्याय ने कहा कि -मानवतावादी जीवन दर्शन का यह विराट चित्र महादेवी वर्मा जैसे संवेदनशील कवयित्री की रचना संसार को अपने साहित्य में सामने लाने का प्रयास विदुषी लेखिका डॉ.भारती नायडू ने किया है।
विशिष्ट अतिथि डॉ.अरुण कुमार यदु ने कहा कि-डॉ. भारती नायडू ने संगीत के तत्वों का समादृष्टि कर किया है जो इन तत्वों के मध्य निश्चित रूप से संयोजन की विशिष्टता है। सराहनीय आयाम है। अध्ययन व शोध की दृष्टि से अपनी सुमधुर राग द्वारा तैयार अद्भुत संगम काव्य साहित्य है जो पूरे देश में सराही जाएगी। इनके संपूर्ण गीतिकाव्य में संगीत की सुमधुर सरिता प्रवाहित हो रही है-दिया क्यों जीवन का वरदान। इसमें है स्मृतियों का कंपन, सुप्त व्यथाओं का आलम्बन, स्वप्नलोक की परियाँ इसमें भूल गई मुस्कान, इसमें है झंझा का रौशक, अनुरंजित कवियों का वैभव, मलयपवन इसमें भर जाता, मृदु लहरों के गान।
सेवानिवृत्त प्राचार्य शिक्षाविद डॉ.चंद्रशेखर चौबे ने कहा -डॉ. भारती नायडू ने महादेवी वर्मा के काव्य में संगीत तत्व की अद्भुत जानकारी विस्तार से दी है । कविता शब्दों के रूप में संगीत और संगीत ध्वनि के रूप में कविता है। डॉ. भारती नायडू ने महादेवी वर्मा के काव्य की संगीतिक परीक्षण करते हुए रागों पर आधारित बाईस गीतों को स्वरलिपि तैयार कर शोधार्थियों एवं पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के ग्रंथालय के लिए आडियो कैसेट उपलब्ध कराई है।
धमतरी जिला हिन्दी साहित्य समिति के अध्यक्ष व साहित्यकार श्री डुमन लाल ध्रुव ने कहा -डॉ. भारती नायडू की कृति जीवन की मूक वेदना को ध्वनि देकर हृदय को पुष्प की तरह खिलाया है। मुरझाये फूल को अपने सौरभ के प्रतिदान से अभिव्यक्ति दी है। कृति में अलौकिकता पर लौकिकता का संकेत है।
भारतीय साहित्य की आधुनिक मीरा महादेवी वर्मा की प्रसिद्ध गीत- गति ताल अमर बीन हो, हूं मैं तुम्हारी रागिनी भी हूं का संगीतबद्ध प्रस्तुति डॉ.भारती नायडू ने व श्री हीरा लाल साहू (तबला), श्री रामकुमार विश्वकर्मा ने सिंथेसाइजर में संगत किया। इससे सुर और संगीत की बानगी देखते बन रही थी। अंत में कला निकेतन कॉलोनीवासी सर्वश्री- सुरेश मेहता, जगदीश मेहता, सगुन पटेल, मांगीलाल राठी, गितेश नायडू, विनय शर्मा, लेडिसक्लब की श्रीमति प्रभा श्रीवास्तव ने डॉ. भारती नायडू का पुष्पगुच्छ, शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के प्रति श्रीमती कामिनी कौशिक ने आभार व्यक्त किया।