साहित्यकार परिचय-श्री गजपति राम साहू
जन्म- 16.06.1958ग्राम-कोड़ेवा(सिकोसा) तह.गुण्डरदेही,जिला-बालोद (छ.ग.)
माता-पिता – स्व.गंगू राम साहू स्व.श्रीमती मथुरा बाई साहू पत्नी श्रीमती सुशीला साहू
शिक्षा- बी.ए.
प्रकाशन- काव्य संग्रह (हिन्दी) 1. ज्ञान सेतु,2. भक्ति सरोवर 3. नीति वाटिका काव्य संग्रह छत्तीसगढ़ी 1. आमा अमली के बिहाव।
सम्मान- ज्ञान रत्न सम्मान(समता साहित्य अकादमी धमतरी) आकाशवाणी रायपुर से कविता प्रसारण, मधुर साहित्य सम्मान(डौंडी लोहारा) कर्मा साहित्य सम्मान-मुख्यमंत्री के हाथों-गुण्डरदेही में,मरहा साहित्य सम्मान(प्रेरणा साहित्य समिति बालोद) जिला साहित्य सम्मान (हस्ताक्षर साहित्य समिति राजहरा),काव्य विभूषण दुष्यंत स्मृति सम्मान-जालंधर पंजाब से 16 जनवरी 2017 सैकड़ों प्रषस्ति पत्र एवं सम्मान।
सम्प्रति- उच्च वर्ग लिपिक के पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चाैरेल,जिला-बालोद(छ.ग.) सेवानिवृत्त
सम्पर्क- ग्राम कोड़ेवा(सिकोसा)तह.गुण्डरदेही,जिला-बालोद (छत्तीसगढ) मो.9406326377/9406040016
‘फागुन तिहार आगे’
ऐ बबा काय रे,
फागुन तिहार आगे।
काय खवादे ते डोकरी ला,
मनमाड़े ओ बउरागे।
गे रिहिस तरिया नहाय धोय बर,
कपड़ा लत्ता ल जोर के।
तोर धोती ल पहिरके आगे बबा,
अपन लुगरा ल छोड़के।
पड़ोसिन बिमला कइथे,
अइ ए कइसन चरित्तर आगे।
ए बबा काय रे,
फागुन तिहार आगे। का खवादेस……
तोर नाती बहू घोरे रिहिस,
कटोरी में माहुर रंग ल ढारके।
तेल खोजत भीतरी म चलदिस,
चिमनी ल बारके।
अंग भर चुपर डारिस,
मानो हिमराज तेल पागे।
ए बबा काय रे,
फागुन तिहार आगे। का खवादेस……
रांधे रिहिस डोंड़का साग,
चना दार डार के।
खुशी-खुशी खायेल बइठेंव,
पालथी ल मार के।
कोंवर कोंवर झउंहा में फेंकाय,
जुरहा ह रंधागे।
तोर गोठानी लउठी घलो,
चुल्हा में धरागे। ए बबा….