कविता काव्य

”ऋतुओं का महत्व” श्रीमती कामिनी कौशिक शिक्षिका साहित्यकार धमतरी छ.ग.

साहित्यकार परिचय-श्रीमती कामिनी कौशिक

जन्म- 28 जुलाई 1962 ई. ग्राम निपानी,जिला-दुर्ग(छ.ग.)

माता-पिता – स्व.ठा.प्रेमप्रताप सिंह जी, स्व.श्रीमती यशोदा देवी जी।

शिक्षा- बी.एड.एम.ए.(हिन्दी,राजनीति,समाज शास्त्र,भारतीय इतिहास) पी.जी.डी.ई.वी.(मूल्य शिक्षा गोल्ड मेडलिस्ट)

प्रकाशन- समय-समय पर पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से गीत,गजल और कविताओं का प्रकाशन।

सम्मान- लायनेस प्रेसीडेंट के रूप में 7 स्टार प्रेसीडेंट मोस्ट एक्सीलेंट लायनेस आफ द एरिया एवं अन्य महत्वपूर्ण एवार्ड्स। लायनेस एरिया आफिसर के रूप में डी. की सर्वश्रेष्ठ एरिया आफिसर,एरिया आफिसर क्वीन एवार्ड्स। श्री बाबा साहेब अंबेडकर सम्मान(प्र्रातीय दलित साहित्य समिति,धमतरी) लेडी आफ द ईयर सम्मान-लेडीज क्लब धमतरी।

सम्पर्क- रिसाई पारा,धमतरी, जिला-धमतरी(छत्तीसगढ) मो. 98932 14499

 

 

”ऋतुओं का महत्व”

 

शरद,शिशिर,हेमन्त,ग्रीष्म की अपनी अलग कहानी।
वसन्त है ऋतुओं का राजा, वर्षा ऋतुओं की रानी।।
भारत र्वा अनोखा जिसको,
ऋतुओं का मिला उपहार।
वातावरण बनाते निर्मल,

 

उमंग, उल्लास का करते संचार।।
जीवन के रंग निखारे, नहीं कोई सानी।
वसन्त है ऋतुओं का राजा, वर्षा ऋतुओं की रानी।।
ऋतुएं लेकर आती संदेशा,
सुख का आधार बनाते।

 

हर्ष और आनंद लुटाते,
खुशियों का संसार सजाते।।
हर ऋतु का त्यौहार भिन्न,भिन्न है उसकी निशानी।
वसन्त है ऋतुओं का राजा, वर्षा ऋतुओं की रानी।।
चक्र बारह महीने का,

 

छह ऋतुओं में बंट का आता।
प्रेम और सद्भाव का,
जीवन-दर्शन सहज कराता।
ऋतु परिवर्तन की सुखद बेला, देती सुखद जिंदगानी।
वसन्त है ऋतुओं का राजा,वर्षा ऋतुओं की रानी।।

 

 

 

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