- गरिमामयी कार्यक्रम में पुस्तक ‘कभी हंँसता कभी सुलगता बस्तर’ का विमोचन
(मनोज जायसवाल)
कोण्डागांव (सशक्त हस्ताक्षर)। नगर के मां दंतेश्वरी हर्बल इस्टेट में गत 26 जून 2022 को अपरान्ह 3.30बजे श्रीमती रश्मि अग्निहोत्री की कृतिं पुस्तक ‘कभी हंँसता कभी सुलगता’ बस्तर का विमोचन गरिमामयी कार्यक्रम के बीच किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से पद्मश्री धर्मपाल सैनी उपस्थित हुए। जहां अध्यक्षता जनजातीय चेतना कला संस्कृति व साहित्य की राष्ट्रीय पत्रिका ककसाड़ के सम्पादक डॉ.राजाराम त्रिपाठी ने की।
विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद कोंडागांव के जिलाध्यक्ष हरेंद्र यादव उपाध्यक्ष यशवंत गौतम राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक आर. के .जैन समाज सेवी मोहम्मद यासीन और कभी हंँसता कभी सुलगता बस्तर की रचनाकार रश्मि विपिन अग्निहोत्री उपस्थित रहे ।
कहांँ जा रहे हो अकेले अकेले
कार्यक्रम की शुरुआत आमंत्रित अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के छाया चित्र पर दीपप्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुआ। तत्पश्चात स्वर कोकिला शिप्रा त्रिपाठी ने अपनी सुमधुर आवाज़ में नासिर साहब की गजल ये क्या कर रहे हो,ये क्या हो रहा है,कहांँ जा रहे हो अकेले अकेले….. सुनाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मधु तिवारी ने किया संचालन
कार्यक्रम का सफल संचालन लोकप्रिय कवयित्री व संचालिका मधु तिवारी ने किया।कार्यक्रम के प्रथम भाग में रश्मि विपिन अग्निहोत्री के द्वारा बस्तर पर केंद्रित रचनाओं का संकलन ष्कभी हंँसता कभी सुलगता बस्तर का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री धर्मपाल सैनी व आमंत्रित अतिथियों के करकमलों द्वारा किया गया।
पुस्तक की सारगर्भित समीक्षा कांकेर से आये साहित्यकार सन्तोष श्रीवास्तव सम द्वारा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.राजाराम त्रिपाठी ने विमोचित काव्य की तथ्यात्मक बातों पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार रखे एवं रचनाकार को शुभकामनाएं दी। इनके अतिरिक्त हरेंद्र यादव यशवंत गौतम मोहम्मद यासीन बृजेश तिवारी अखिलेश त्रिपाठी घनश्याम नाग आर. के .जैन आदि ने भी पुस्तक पर अपने अपने विचार रखे तथा रचनाकार को शुभकामनाएं दी। कवयित्री रश्मि विपिन अग्निहोत्री ने पुस्तक के प्रारम्भ से प्रकाशन तक के अपने अनुभव को सबसे साझा किया।इस सुअवसर पर राष्ट्रीय पत्रिका ककसड के नवीनतम अंक जून माह का भी लोकार्पण किया गया।
हास्य व्यंग्यकार उमेश ने हंसाया
कार्यक्रम के द्वितीय भाग में भव्य पावस कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें सर्वप्रथम हास्य व्यंग्यकार उमेश मंडावी ने श्रोताओं के विशेष अनुरोध पर अपनी लोकप्रिय चुनाव वाली कविता सुनकर सबको खूब हंसाया। सन्तोष श्रीवास्तव सम ने अपनी छोटी छोटी मर्मस्पर्शी कविताएं सुनाकर सबको मन्त्रमुग्थ किया।
हरेंद्र यादव ने देश के जवानों व किसानों पर केंद्रित कविता सुनाई। यशवंत गौतम ने हल्बी में मार्मिक कविता सुनाकर सबको प्रभावित किया। बहीगाँव से आये वरिष्ठ साहित्यकार घनश्याम नाग ने अपनी कविताओं से वाह वाही बटोरी।
युवा ग़ज़लकार व कवयित्री बरखा भाटिया ने अपनी नई हास्य रचना से सबको हँसाया तथा अपनी ग़ज़ल से समा बांधा।शायर तौसिफ आलम ने अपने विशेष अंदाज़ में ग़ज़ल सुनाकर सभी को प्रभावित किया व तालियां बटोरीं।
संकलन की कविताएं पढ़ी
कवयित्री रश्मि विपिन अग्निहोत्री ने भी अपने काव्य संकलन से कुछ कविताएं कभी पलाश के बीच हँसता बस्तर,
कभी बारूद के बीच सुलगता बस्तर।
कभी निर्झर संग खिलखिलाता है,
कभी शहादत पर सिसकता बस्तर..।
सुनाई जिसकी सबने बहुत प्रशंसा की।
कार्यक्रम की संचालिका मधु तिवारी ने भी अपनी लोकप्रिय कविता सुनाकर तालियां बटोरी। जगदलपुर से आये वरिष्ठ शिक्षक अखिलेश त्रिपाठी ने विमोचित काव्य के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त कर शुभकामनाएं प्रेषित की। भिलाई से आई बी एस पी से सेवानिवृत्त शिक्षिका आत्मजा बाजपेयी ने इसे गौरवशाली उपलब्धि बताया। केशकाल से आये फादर जोसेफ ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अंत मे मुख्य अतिथि पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने अपने उदबोधन में कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा की तथा रचनाकार को उनकी एक साल के अंदर दूसरे एकल संग्रह के प्रकाशन के लिए बधाई दी। उन्होंने पुस्तक की बारीकी से समीक्षा कर इसे बेहतरीन कृति बताया ।उन्होंने कहा रश्मि जी ने सौ पृष्ठ के इस संकलन में पूरे बस्तर को समेटा हैं जो अदभुत हैं।
यह थे उपस्थित
मुख्य अतिथि डॉ.राजाराम त्रिपाठी ने सभी साहित्यकारों व कार्यकम को सफल बनाने में जुड़े सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर केशकाल से कामिनी गायकवाड़ जगदलपुर से प्रभा पाठक रघुचंद करे विशेष कुमार आराधना देवी सविता देवी शोभा लागू, कोंडागांव से माँ दंतेश्वरी हर्बल समूह के निदेशक अनुराग कुमार, संपदा समाज सेवी संस्थान की जसवंती नेताम, संगीत दुबे , आचार्य गंगा शरण शुक्ला , गीता देवी शुक्ला, विनीता दुबे, अनीता, सरोज तिवारी अनुराग त्रिपाठी ज्योति जैन विजय पांडे सुनीता पांडे परसू राम नामदेव आलोक भट्टाचार्य के के पटेरिया रमेश पंडा कृष्णा नेताम शंकर नाग शा उ मा वि किबाई बालेंगा के एन एस एस के छात्र व नगर के सारे साहित्यकार उपस्थित रहे।