‘आईये कांकेर‚ स्वर्ग की सैर करें’ श्री मनाेज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर छत्तीसगढ

राजधानी रायपुर से महज 140 किमी पर बसे आपके सपनों का शहर “कांकेर” में स्वागत है। भले ही आप कांक्रीट के बने जंगलों को “विकास” का नाम देकर गर्व कीजिए।
भले ही आप इस क्षेत्र को बस्तरिया का नाम लगाकर उपेक्षा एवं अनमने भाव से व्यक्त करते हुए प्रकट कीजिए। भले ही मीडिया की सुर्खियों पर नक्सली घटनाओं की कांकेर हेडलाईन से लगी खबरों पर गौर करते हुए डरे भाव से हिचक रहे हों। पर दरअसल ऐसा कुछ भी नहीं है। राजधानी रायपुर के बाद धमतरी से जैसे ही बस्तर संभाग का प्रवेश द्वार चारामा घाटी को पार करने लगेंगे आपको रोमांचकारी अनुभव स्वमेव होने लगेगा।
कहां अपने मन का तिरस्कार भाव कहां वह पिछडेपन की सोच स्वयं आपको ऐसा लगने लगेगा कि हम स्वयं ही पिछडे हुए हैं। शहरों की बजबजाती गंदगी की सडांध और मुंह में कपडे लेकर चलने और धूल से सराबोर तथा उच्च तापमान एवं खतरनाक धुएं से इस क्षेत्र में प्रवेश करते ही आपके लिए कश्मीर से कम अनुभव नहीं होने वाला। चारामा नगर‚लखनपुरी आसपास पुरातात्विक महत्व की चीजों को अपनी आंखों से देखिए।
कहां असम जाकर मां कामाख्या मंदिर जैसी पुरातात्विक महत्व और साक्षात अवशेषों चिन्हों का बिना किसी भींड आप गांडागौरी की पहाडियां चढकर स्वमेव अनुभव कीजिए। मनोज जायसवाल का पोस्ट आप पढ रहे हैं। कहां जु में नाक में कपडे लेकर चलने मजबुर आप कांकेर प्रवेश पुर्व रामवाटिका में अपना तल्ख समय बिताएंगे तो हमेशा आप याद रखेंगे। बनावटी श्रृगार‚बनावटी दिखावे की यहां चीजें जरूर आपको देखने नहीं मिलेंगी यहां मिलेंगी तो ऐतिहासिक‚पुरातात्विक‚वेदों में वर्णित वे दृश्य जिसकी कल्पना ही आप करते रहेंगे। वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय बने और वे जागरूक विदेशी सैलानी जो यहां आने के लिए हमेशा तत्पर होते हैं।
इस क्षेत्र में कदम रखना अपनी किस्मत समझते हैं‚ कुछ लोग यहीं के वे हैं जो कांक्रीट के शहर में पुरी तरह प्रदुषण के बीच जीवन यापन करते हुए शहरों की थोथी व मिथ्या गर्व में होते हैं। आईये प्रकृति के साथ कुछ पल व्यतीत करें। यहां प्रकृति की गोद में बसे कांकेर नगर तथा आसपास घुम कर पुरी तरह आप फ्रेश महसूस करें। कुछ जानने का जज्बा और कुछ उमंगों के साथ कुछ पल बितायें। किसी शहर में रहने से आप बडे नहीं हो जाते।
किसी छोटे शहर में बसने वाले छोटे नहीं हो जाते। छोटी तो होती है‚ लोगों की मानसिकता। जहां भरा पूरा संसाधन है उसके लिए कितना ही बडा शहर हो वह है छोटा ही है। छत्तीसगढ में सबसे प्यारा है बस्तर संभाग और कांकेर नगर। तभी तो हर कोई कुछ समय बिताने ही सही आना चाहता है‚ कांकेर ।