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”बारिश में बस्तर की ओर नजर” श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर छत्तीसगढ

बस्तर तो लोगों को हर वक्त लुभाती है,लेकिन बारिश में लोगों की नजर विशेष रूप से बस्तर की ओर जाती दिखती है।  बलखाती नदी नालों से लेकर तमाम झरने जलप्रपात स्थलों पर लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है। एशिया के जानेमाने बस्तर के प्रमुख चित्रकोट जलप्रपात विदेशी सैलानियों को हमेशा लुभाता रहा है,जहां हमेशा वे प्रकृति का आनंद लेने आते हैं, वहीं कला जगत में बालीवुड के कलाकार भी यहां आकर अपने साथ मनभावन चित्र कैमरे में कैद कर यादों के लिए ले जाते हैं। हाल में बालीवुड अदाकारा भाग्यश्री ने भी बस्तर आकर दीदार किया।बारिश के बाद यहां की खाद्व चीजों में बोड़ा और इसके बाद फुटू की महक दूर-दूर से लोगों को बुलाती है।

 

यहां पहली बारिश के बाद उमस के कारण साल वृक्षों के नीचे उगने वाले बोड़ा जो स्थानीय बाजारों में धूम मचाने के बाद अब इन इलाकों के बाजारों में मशरूम जिसे फुटू भी निकलने लगी है।

 

कोण्डागांव, बस्तर, दरभा केशकाल क्षेत्र में बोडा के बाद अभी मिलने वाले फुटू इन क्षेत्रों के साथ कांकेर क्षेत्र से भी मशरूम की हल्की आवक शुरू हो रही हैं। ज्यादा आवक होने पर कांकेर जिला मुख्यालय के बाजारों सहित अन्य बाजारों में भी देखने मिलेंगी। यही नहीं धमतरी बाजार में भी फुटू की खुब आवक होती है। यहां मुख्य रूप से नगरी क्षेत्र से इसकी आवक होती है।

 

प्रोटीन एवं अन्य आवश्यक तत्व पाये जाने के चलते लोगों का रूझान मशरूम की ओर होता है।मशरूम “कुकुरमुत्ता” नहीं अपितु फफूंदों का फलनकाय है, जो पौष्टिक, रोगरोधक, स्वादिष्ट तथा विशेष महक के कारण आधुनिक युग का एक महत्वपूर्ण खाद्य आहार है। सघन वनों के कारण भारतवर्ष में पर्याप्त प्राकृतिक मशरूम निकलता है। ग्रामीणजन इसका बड़े चाव से उपयोग करते है। उनकी मशरूम के प्रति विशेष रूचि है इसीलिये इन क्षेत्रों में व्यावसायिक स्तर पर उत्पादित आयस्टर एवं पैरा मशरूम की अधिक मांग है।

 

व्यावसायिक रूप से मशरूम का उत्पादन किया जाता है लेकिन प्राकृतिक मशरूम की बात ही अलग है। फुटू लोगों के बीच महत्व इतना है कि मत पूछो। बोडा के बाद अब फुटू की सोशल पटल पर होने लगी है। स्थानीय इसे भिंभोरा फूटू भी कहते हैं,क्योंकि जो दीमग की बनायी मिट्टी के टीले पर उगते हैं। जहां इसे निकालने के लिए बडी हिम्मत चाहिए। क्योंकि इन स्थानों पर सांप का भी डेरा होता है। पर्याप्त बारीश नहीं होने के चलते हालांकि अभी उपलब्धता कम है। बारिश होने पर जरूर बाजारों में अधिकाधिक मात्रा में निकलना शुरू हो जाएंगी। प्रारंभ में मंहगी मिलने वाली फुटू देरसवेर सस्ते दरों पर बाजारों में राजमार्ग सडक किनारे बिकते देखा जा सकता है।

 

इसके साथ ही इसी प्रकार मंहगी सब्जियों में खेखसी का भी प्रमुख स्थान है। यह लोगों की बाड़ियों के साथ जंगलों में भी लता में फलने वाली शाक है। देखने में रोएंदार दिखने वाली सब्जी बनाने के बाद उतना ही मिठास के चलते लोगों द्वारा चाव से खाया जाता है।

 

नोटः- कई दफा जहरीले मशरूम फुटू से लोगों की मौत की भी खबरें आ चुकी है। अतएव देखकर ही उपयोग किया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में खा लेने पर दस्त होने की भी आशंका बनी होती है।

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