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प्रोफेसर डॉ आर.पी. टण्डन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेंगे।

कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)।किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़ में आयोजित  दो दिवसीय 24 से 25 फरवरी तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रमुख वक्ता एवं विश्लेषक के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संयोजक डॉ मिनकेतन प्रधान और संस्था के प्राचार्य डॉ ए के तिवारी के निर्देशन और संयोजन में होने जा रहा है।

 

जिसमे डॉ टण्डन “छायावादोत्तर हिंदी कविता : रचनात्मक प्रतिबद्धता और सार्थकता” विषय पर अपनी सारगर्भित छायावाद की कविताओं पर बात रखेंगे। साथ विश्लेषात्मक और समीक्षात्मक वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे। साथ ही इस अवसर पर छायावाद के जन्म दाता मुकुटधर पांडेय जी पर लिखी गई किताब”छायावाद के सौ वर्ष और “मुकुटधर पांडेय” नामक पुस्तक का विमोचन भी करेंगे।

 

इस अवसर पर देश भर के चुनींदा और चर्चित साहित्यकारों की मैराथन उपस्थिति रहेगी। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप में प्रो केशरीलाल वर्मा,कुलपति,रायपुर, पद्मश्री लीला धर जुगुड़ी देहरादून, पदमश्री श्रीनिवासन उद्गाता ओड़िसा, पदमश्री हलधर नाग ओड़िसा, डॉ विनयकुमार पाठक बिलासपुर, प्रो ललितकुमार पटेरिया कुलपति रायगढ़, डॉ आर डी पाटीदार कुलपति रायगढ़ डॉ रामायण प्रसाद टण्डन साहित्यकार एवं प्रोफेसर कन्या कालेज कांकेर एवं चेयरमैन हिंदी अध्ययन मण्डल शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर जगदलपुर छत्तीसगढ़ , और श्री तारन प्रकाश सिन्हा कलेक्टर रायगढ़ छत्तीसगढ़ सहित डॉ अनिता कपूर प्रवासी साहित्यकार अमेरिका, डॉ दीपक पांडेय सहायक निदेशक केंद्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली, स्नेह ठाकुर प्रवासी साहित्यकार कनाडा,डॉ बिहारीलाल साहू रायगढ़, मेदिनी प्रसाद नायक, प्रोफेसर अभिनव सुराणा दुर्ग, डॉ आर पी टण्डन कांकेर, लिंगम चिरंजीवी रॉव आंध्रप्रदेश इनके अलावा देश के जाने माने चिर- परिचित साहित्यकार इसमें शामिल होंगे। ज्ञात हो कि किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान (अग्रणी)महाविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़ शहीद नंद कुमार पटेल विश्विद्यालय रायगढ़ से संबद्ध है। आयोजन का उद्देश्य आज के बिखराव भरे वैश्वीकरण के व्यापक फलक पर हिंदी कविता अपने नाम और अस्मिता के सृजन के वृहत्तर धरातल पर गतिशील है। जिस पर आमंत्रित समस्त विद्वान साहित्यकार अपने विचार रखेंगे।

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