कविता काव्य

”रामकुंड” श्रीमती पुष्पलता इंगोले वरिष्ठ साहित्यकार धमतरी छ.ग.

साहित्यकार परिचय-श्रीमती पुष्पलता इंगोले

जन्म- 24 दिसम्बर 1948 श्योपुर(स्टेट ग्वालियर) म.प्र.

माता-पिता – स्व. श्री जे.जी.इंगोले, स्व.श्रीमती स्नेहलता महाडीक। पति-श्री ए.आर.इंगोले(सेवानिवृत्त प्रोफेसर)

शिक्षा-एम.ए.(राजनीति)बी.एड.

प्रकाशन- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल हेतु पाठ्यपुस्तक लेखन(9वीं,10वीं) सामाजिक विज्ञान,विभीन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, निबंध एवं कविताओं का प्रकाशन।

सम्मान- प्रांतीय दलित साहित्य समिति,जिला इकाई धमतरी।श्रीसत्य साई समिति एवं महिला मंडल रूद्री धमतरी द्वारा सम्मानित। वृहन्न मराठा समाज नागपुर द्वारा निबंध लेखन में प्रशस्ति पत्र। सदस्य- एनसीईआरटी,छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम।

सम्प्रति- सेवानिवृत्त प्राचार्य,दाजी मराठी उच्चतर माध्यमिक शाला, धमतरी

 

”रामकुंड”

रामचन्द्र की याद में,
देखा लक्ष्मण कुंड।
सीता मां की स्मृति में,
बहे गोदावरी संग।

रामभक्तों की भीड़ ने,
किया राम का घोष।
भक्तों ने खाये पेड़े,
और किया सत्संग।

हनुमान के चेले वानर देखें
चित्रकूट के घाट पर।
ले अंगड़ाई मचमचाये,
चीखे हर्ष के संग।

खूब बचाया हुड़दंग,
किटिाकर अपने दांत।
कुछ ने पुलिस चौकही पर,
जमाई अपनी धाक।

दीपक जलता, ले आये,
पी गये सारा तेल।
दिखा गये अपनी लीला,
हनुमान जी के चेले।

रामचन्द्र की याद में,
देखा लक्ष्मण कुंड।

 

 

 

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