छतीसगढ़ की खबरें

नहीं रहे पत्रकारिता जगत के नक्षत्र सुशील शर्मा श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में कांकेर पत्रकारिता जगत के ‘सशक्त हस्ताक्षर’ पत्रकार सुशील शर्मा जो हम सबके मार्गदर्शक रहे। अविभाजित मध्यप्रदेश काल में तात्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का जब आगमन हुआ था तब मुखर पत्रकार सुशील शर्मा द्वारा निकाली जाने वाली साप्ताहिक अखबार ”बस्तर बंधु” का शुभारंभ किया गया। गरिमामयी इस सभा में जिले के साथ छत्तीसगढ़ के कई संपादक मौजूद रहे।

न कभी थके,न कभी हारे। साप्ताहिक ‘बस्तर बंधु’ में जिस तरह खबरें प्रकाशित की गयी प्रशासन में भी कसावट स्पष्टतया देखने मिली। न सिर्फ ऊंची स्तर की खबरें बल्कि समाज के अंतिम सिरे तक की खबरें समेटने का कार्य इस अखबार के माध्यम संपादक सुशील शर्मा ने किया। जिसकी चर्चा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी होती रही। कांकेर सहित प्रदेश के कई जगहों में भ्रष्टाचार पर इनकी धारदार पैनी ‘कलम’ हमेशा पोल खोलती दिखी। साथ ही ”सामाजिक सहभागिता” भी दिखायी।

 

तब मैं भी लखनपुरी क्षेत्र में भी यह अखबार चलाया। साप्ताहिक अखबार होने के चलते पूरे सप्ताह की खबरें लखनपुरी डायरी के नाम नियमित लिखता रहा,जो बायनेम प्रमुखता से मेरी कलम का सम्मान करते हुए उसी सम्मानजनक रूप से लगाते थे। अंतिम बार मैं गुरूर के पत्रकार साथी कृष्णा गंजीर के साथ निवास में मिला जहां चाय के साथ कई चर्चाएं की। तब तक वे स्वस्थ्य थे।

 

जीवन के चरण में  पुत्र की असमय मृत्यु ने उन्हें तोड़कर रख दिया। किसी तरह उन्होंने अपने को सम्हाला। जीवन के हर पायदान में उन्हें पुत्र की याद आती और उनके साथ उठते बैठते समय जिक्र भी किया करते। लेकिन अंतस में वह दर्द हमेशा बना हुआ था।

 

पत्रकारिता जगत में अंतिम समय तक योगदान देते लेखन करते रहे। लगातार स्वास्थ्य खराब होने से शारीरिक कमजोरी बढ़ती रही। लेकिन आज अकस्मात पत्रकारिता जगत,समाज,परिवार को छोड़ कर हमेशा के अलविदा कह दिया।

छत्तीसगढ़ पत्रकारिता जगत के लिए उनका जाना अपुरर्णीय क्षति है। खासकर कांकेर के लिए। सबके स्नेहिल सुशील शर्मा पत्रकारिता जगत में हमेशा याद आएंगे।यादों में लिखने को तो और भी काफी कुछ जो इस पेज से बाहर है। शत शत नमन…श्रद्वांजलि…

 

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