
.स्वयं के बहुत कठिन समय में भी छत्तीसगढ़ में कला जगत एवं मीडिया लेखन जगत से जुड़े लोगों ने वक्त पर अपनी खुब जिम्मेदारी निभायी है। दूसरों का मनोरंजन करने वाले ये कलाकार कुछ देर के लिए ही सही अपना दर्द छुपा कर लोगों को इसका तल्ख एहसास भी नहीं होने देते। ऐसा कई बार वो कठिन क्षण आते हैं,जिन क्षणों में भी ये कलाकार आपका मनोरंजन करते आपके चेहरे पर खुशहाली लाते हैं।
हम बात कर रहे हैं सुफी जगराता गायन,भजन रत्न एवं छत्तीसगढ़ की पंडवानी,भरथरी,देवार गीत,सुवा, करमा,ददरिया,गौरा गौरी जैसे सभी विधाओं में दक्ष तेजी से उभरती लोकगायिका किरण शर्मा की। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने बस्तर संभाग के दूसरे बड़े अरौद दशहरा उत्सव के साथ ही सुदूर अंचलों तक अपनी प्रस्तुती से लोगों का मन मोहा है।
अपने गुरू छत्तीसगढ़ में भरथरी गायन को सुदूर अंचलों तक पहूंचाने वाली सम्मानित गायिका रेखा जलक्षत्री के साथ मनमोहक प्रस्तुती से दर्शकों के बीच समां बांधा है। कला क्षेत्र में भले ही लोग कुछ चुनिंदे गीतों एवं कामेडी का डिमांड करें लेकिन यह बात कोई गौर नहीं करता कि इस आयोजन में कैसे छत्तीसगढ़ की तमाम विधाओं की प्रस्तुति एक आयोजन में पूरी की जाती है। देवार गीत,बांस गीत जैसी कई विधाएं आज भूला दी गयी है, लेकिन किरण शर्मा का आयोजन लोगों की पुनःयाद करा जाती है।
कई मंचों में एक विधा से निहीत इस पीढ़ी के युवाओं की पसंद के गीतों की प्रस्तुती दी जाती है,लेकिन यह बात ध्यान में रखने का प्रयास किया है कि छत्तीसगढ़ की पुरानी विधा सलामत रखें तो वह बेशक किरण शर्मा जैसे जगराता एव सांस्कृतिक आयोजन रहा है। नयी टीम के साथ नयी एवं पुरानी प्रस्तुती पुर्ण सामंजस्य सुरताल के साथ किरण किरण शर्मा की ओजपूर्ण आवाज के दर्शक आज भी कायल हैं और कल भी रहेंगे।
सभी कलाओं में दक्ष किरण शर्मा ने बावजूद इसके किसी भी तकनीकी पक्ष में यदि कोई खामियां रही हो उसके लिए क्षमा प्रार्थी रहने की बात कही। कांकेर जिले की कांकेरिया संस्कृति एवं भोले जनमानस की तारीफ करते कहा कि अपने रायगढ़ और कांकेर जिले के गावों में कोई भी अंतर दिखायी नहीं देता। कांकेर में मुखातिब होते कहा कि आश्चर्य व्यक्त किया कि कांकेर जिले में भी रायगढ़ जैसा ही कला क्षेत्र में मंजे कलाकारों की कोई कमी नहीं है। रात्रि कोण्डागांव में जगराता का आयोजन में लोगों की भींड़ यह बताने काफी है कि आज भी जगराता लाईव प्रोग्राम के प्रति लोगों में कितनी रूचि है।