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फिर एक बार ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा कर लौट रही छत्तीसगढ़ की बेटी नैना धाकड़

(मनोज जायसवाल)
रायपुर(सशक्त हस्ताक्षर)। गत 8 अगस्त 2022 को 10 सदस्यीय भारतीय टीम में बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ पर्वतारोहन अभियान में फिर से शामिल होकर देश राज्य व क्षेत्र का नाम नए रिकॉर्ड के साथ दर्ज कराया है। पूरे अभियान में  सफलता अर्जित करते वह बस्तर छत्तीसगढ लाैट रही है। 

उद्वेश्य में मिली सफलता   देश मे चलाये जा रहे हर घर तिरंगा अभियान में बस्तर छत्तीसगढ़ की बेटी ने 08 प्रण लिया था,जिसमें उन्होंने सफलता पायी। और इस सफलता के साथ वापस लौट रही है। मुख्य रूप से इनमें उनके कुल 08 उद्वेश्यों में सफलता प्राप्त हुई।
1. ऊंची चोटी पर देश का तिरंगा लहरा कर राष्ट्रीय गीत गायन किया।
2. छत्तीसगढिया सबले बढ़िया बेनर व छत्तीसगढ़ के राज्यगीत अरपा पैरी की धार, महानदी हैं, श्रृंगार का गायन किया।
3. श्रीराम का झंडा.फहराते जयकारा लगाया।
4.स्वामी विवेकानंद का बेनर फहराया। (उठो जागो और तब तक नही रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये)
6. बेटी नही किसी से कम ,बेटी को मिलेगा देश को दम( बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ )बेनर
8. अमचो बस्तर का बेनर। इसके साथ ही योग का संदेश देते योगा किया।योग करो फिट रहो का संदेश तीनों पहाड़ो की चोटी से दिया। योग करते हुए खुद उस ऊंचाई पर से प्रेरित किया हैं। 

 

मिशन हर घर ,हर हाथ तिरंगा में लेह लद्दाख की चोटी माउंट मेन्टोक कांगड़ी 3 जिसकी ऊंचाई 6250 मीटर, मेन्टोक कांगड़ी 2, जिसकी ऊंचाई 6150 मीटर व मेन्टोक कांगड़ी 1 जिसकी ऊंचाई 6100 मीटर हैं।

जहां माईनस डिग्री तापमान, तेज हवाओं के बीच बेस कैम्प से रात 1.20 मिनट में निकल कर अपने अभियान को 1 बजे सफलता हासिल किया। साथ ही साथ देश का तिरंगा लहराया। राष्ट्रीयगान गायन कर उन चोटियों पर विजयी देश का मान बढ़ाया। इस कार्य की उपलब्धि उन्हें 17 घण्टे आरोहण अवरोहण लगातार करते हुए हासिल की।

 

 

छत्तीसगढ़ प्रदेश के बस्तर की बेटी नैना धाकड़ ने साहित्य कला जगत को समर्पित पोर्टल सशक्त हस्ताक्षर को एक एक्लुसिव जानकारी देते मुलाकात में बताया कि ऊंची चोटी पर उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का राजगीत अरपा पैरी की धार,महानदी हे अपार…गायन करते हुए प्रदेश को भी एक नयी पहचान दिलायी है। एक साथ 3 पहाड़ो में लगातार चढ़ने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला हैं, बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़.।

पहले कदम में जब अभियान के लिए 10 सदस्य निकले लेह लद्दाख से सब सुरक्षित थे। पर जब (लेह लद्दाख़) करजोक गांव के आगे सोमोरोरी लेक के पास ट्रांसिट कैम्प से निकले तो धीरे धीरे टीम के सदस्यों की तबियत बिगड़ रही थी। बेस कैम्प पहुँचते तब तक टीम के 3 सदस्य की सेहत सही नही थी। उनके उपचार के लिए उन्हें बेस कैम्प में छोड़, हम 7 सदस्य आगे बढे। जिसमे नैना सिंह धाकड़ 6 पुरुष पर्वतारोहियो में अकेली महिला पर्वतारोही थी। बेस कैंप 5300 मीटर पर था ।

 

 

13 मई बेस कैम्प से निकल समिट कैम्प 5600 मीटर पर गए । खड़ी ऊंची ,नीची,पथराव व जानलेवा रास्ते से होते हुए शाम 6 बजे समीट कैम्प 5600 मीटर पर पहुचे। पर एक पर्वतारोहि अभी तक नही पहुँचा था। बाकी सभी परेशान होने लगे। वो रात 8 बजे के बाद पहुचा। पर उसकी हालत गम्भीर थीं। पूरी रात परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौसम खराब व सब थके से थे। सुबह होते ही 7 में से एक पुरुष पर्वतारोहि की तबियत देख सब के होश उड़ चुके थे । अब कुछ पर्वतारोहि बीमार पड़े पर्वतारोहि को नीचे उतारने में लग गए। पर 2 पुरूष व बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ आगे चोटी फतह करने के लिए तैयार थे।

 

 

14 अगस्त बीत गया , 15 अगस्त मिशन हर घर तिरंगा को आगे बढ़ना चाहे पर मौसम इतना ज्यादा खराब की 3 दिनों तक बर्फबारी, व्हाइट हाउस, बारीश,70 से 80 स्पीड में ठंडी हवाएं चल रही थी।

अपने मुहीम में आ रही तकलीफों को याद करते जिक्र करती है कि उस समय मौसम के मात देते तीनों ने टेंट के अंदर ही अपना दिन काटने लग गए। खाना एक दिन का था जो खत्म हो गया था। पानी 10 मीटर दूर एक धार बह रही थी वो भी माईनस टेम्प्रेचर में जम चुकी थी। जो बोटल में पानी था, उससे ही अपने शरीर से टच कर गर्म कर पी रहे थे। दिन गुजर रहा और सहने की शक्ति कम होते जा रही थी। अंत ऐसा हुआ कि 16 अगस्त को विचार कर नीचे आने का नैना ने सोचा। क्योंकि जो 2 पर्वतारोही और थे उनके हेल्थ को देख, खराब मौसम में लीड कर बेस कैम्प के लिए निकल पड़े। बहुत ज्यादा मौसम खराब के चलते वह पूरी कोशिश कर बेस कैम्प 6 घण्टे के लगातार अवरोहण कर पहुँच गए।

10 टीम वहां आयी। ऑर्मी, सशस्त्र बल, फॉरेनर्स, सिविलियन, नेपाली। पर खराब मौसम को देख सभी बेस कैम्प से ही नीचे चले गए। लेकिन नैना की टीम पूरे 8 दिनों तक वही टिकी रही। एक बार फिर हमने कोशिश किया , और 17 अगस्त की रात 1बज कर 20 मिनट में सीधे बेस कैम्प 5300 मीटर मेन्टोक कांगड़ी 3, जिसकी ऊंचाई 6250मीटर हैं, सफलता के लिय निकल पड़े। और 18अगस्त 2022 को 1बजे टॉप पर पहुँच देश का तिरंगा लहराया।

 

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