धमतरी(सशक्त हस्ताक्षर)।सारी दुनिया एक दिन पहले सरस्वती पूजा मनायी व मां शारदे के विदाई के दिन स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर ने उस दिन दुनिया से विदाई ली । जैसे मां शारदा अपनी पुत्री को लेने स्वयं आई हो । मृत्यु जीवन की पूर्णता है और लता मंगेशकर जी ने जीवन और मृत्यु के सौंदर्य को सुंदर ढंग से जी कर अपना 93 वर्ष की यात्रा पूर्ण की ।
इस यात्रा में लगभग 5 पीढ़ियों ने उन्हें मंत्रमुग्ध होकर पूर्ण सम्मान सहित सुना और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक छाप छोड़ गईं । लगभग 70 वर्ष के गीत यात्रा में लगभग 36 भाषाओं में हर रस और भाव के 50 हजार से भी अधिक गीतों को स्वर देने वाली सरस्वती पुत्री ने अपना पहला गीत “ज्योति कलश छलके” व अंतिम हिंदी फिल्मी गीत के रूप में “दाता सुन ले ” भजन ही गाया ।
इन महान कोकिल कंठ के पूर्णाहुति और कीर्ति शेष पुलवामा शहीदों के पहली बरसी पर मंगलवार शाम को स्पर्श ग्रुप परिवार ने सिटी गार्डन धमतरी में संगीतमय स्वरांजलि, गीतांजलि अर्पित करते हुए सभी सदस्यों ने मीराबाई के भजन “चला वाही देश” से कार्यक्रम की शुरुआत किया । मेनका नेताम ने “अब तो है तुमसे ” डॉ. राकेश सोनी ने “तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा“, डॉ. राकेश साहू ने “अजीब दास्तां है “, विनोद राव रण सिंह ने “ज्योति कलश छलके”, जगदलपुर से आए अतिथि शुभाशीष दास ने “दिये जलते हैं फूल खिलते हैं”, सुधांशु चौहान राजा ने “लग जा गले से“, दिलीप पटेल ने “लग जा गले “, शिवदत्त उपाध्याय ने “ये जीवन है “, दादू सिन्हा ने “पल पल दिल के पास” और डॉ. भूपेंद्र सोनी ने हारमोनियम के साथ “रहें ना रहें हम” और “तुमसे नाराज नहीं ज़िंदगी” गीत प्रस्तुत किया और बांसुरी में “लग जा गले” के धुन से सभी श्रोता गण गुनगुनाने लगे । सभी सदस्यों ने गीत “सुजलाम् सुफलाम्” के साथ पुलवामा शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि समारोह का समापन किया ।