साहित्यकार परिचय
श्री खिली प्रसाद मधुकर
माता–पिता : श्रीमती रामायण बाई‚ स्व.श्री लच्छी राम मधुकर
जीवनसंगिनी – श्रीमती पूर्णिमा मधुकर
संतति – 1 मयंक मधुकर‚ 2 रूपेश मधुकर
जन्म – 30.जुलाई 1977 ग्राम- तुलसी तह. नवागढ़, जिला- जांजगीर- चाम्पा (छ . ग.)
शिक्षा:- एम.ए हिंदी साहित्य, एम.लिब.आई.एस. सी.
प्रकाशन–
1. सत्य ध्वज पत्रिका वर्ष 2005 में कविता सत पुरूष थे गुरु घासीदास
2.मेरी कलम से साझा काव्य संग्रह में मेरी तीन कविताएं शामिल हैं।
3.अग्निपथ के राही राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह में तीन कविताएं प्रकाशित हुई हैं।
4. सरगम के मेले राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह में तीन कविताएं शामिल हैं।
5. पंखुड़ियाँ साझा काव्य संग्रह में तीन कविताएं शामिल हैं।
6. एक मुस्कान राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह मे मेरी तीन कविताएं शामिल हैं।
7. यादों की शमा साझा काव्य संग्रह में तीन कविताएं शामिल हैं।
सम्मान–
1.छत्तीसगढ कलमकार मंच द्वारा कलमकार साहित्य शिरोमणि सम्मान वर्ष 2022
2. कलमकार अग्निपथ सम्मान वर्ष 2023
3. कलमकार सरगम साहित्य सम्मान वर्ष 2023
4. कलमकार साहित्य साधना सम्मान 2023
5. कला कौशल साहित्य संगम छ. ग. द्वारा कला कौशल सुरगम्य काव्य रत्न सम्मान 2023
6. कलमकार साहित्य अलंकरण सम्मान 2023
7. कार्यालय कलेक्टर जिला उत्तर बस्तर कांकेर की ओर से सामाजिक गतिविधियों एवं कानून व्यवस्था के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र।
8. कलमकार साहित्य शिखर सम्मान 2023 प्राप्त।
संप्रति:- निरीक्षक (छ ग पुलिस)
सम्पर्क – एकता नगर कांकेर (छ ग) कांकेर‚ मो.7828811280
“सतरेंगा का आनन्द उठाईये”
छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा आईये
खूबसूरत उद्यान सतरेंगा का आनंद उठाईये।
एक रात सतरेंगा में रहकर प्रकृति को निहारिये
प्राकृतिक मनमोहक दृश्यों को आत्मसात कीजिए।
सतरेंगा के स्वच्छ जल में नौका विहार कीजिए
तनाव भरे व्यस्त जीवन में आनंद के पल बिताइये।
यहां मधुरिमा कण-कण में समाहित है
सभी चीजें कुतूहल व शीतल अति शांत उपवन है।
होटल, मोटल, रिसॉर्ट व कॉटेज विद्यमान हैं
पर्यटकों के लिए हर सुविधा का इंतजाम है।
रंग बिरंगे फूलों के पौधे व आकर्षक लान ग्रास है
बच्चों के लिए झूले व फिसलपट्टियाँ पासपास है।
चम्पा,चमेली, मोगरा व कुमुदिनी फूलों की बहार है
भीनी -भीनी खुशबुओं से सतरेंगा गुलजार है।
स्वच्छ उद्यानों की श्रृंखला में सतरेंगा का नाम है
समाज के अनुरूप सजावट विद्यमान है।
वनों से आच्छादित कोरबा में संरक्षित जनजाति कोरवा का वास है
एनटीपीसी, बालको,एसईसीएल व केटीपीएस खास है।
यहां विभिन्न देशों के यांत्रिकी कलाकारों का निवास है
कौशल,संवेदना व विज्ञान का अदभूत समावेश है।
छत्तीसगढ़ की उर्जाधानी कोरबा आईये
खूबसूरत उद्यान सतरेंगा का आनंद उठाईये।