‘शिलालेख’
यूंँ तो मैं बेजुबान
पत्थर हूँ,
कोई लिख दे तो
शिलालेख हो जाऊँ।
यूँ तो मैं बेजुबान
पत्थर हूंँ,
कोई तराश दे तो
देवता हो जाऊँ ।।1।।
पत्थर- पत्थर सब कहे
प्रेरणा कहे न कोय ।
जिसका पत्थर पर
नाम लिखा जाए ,
वह अमर हो जाए।।2।।
जब तक पत्थर में नाम
लिखा रहेगा वह
याद आता रहेगा ।
हर आने जाने वालों को
प्रेरणा देता रहेगा।।3।।
कृष्ण ने कहा -हेअर्जुन!
कर्म करो
शिला पर अंकित नाम
कहता कर्म करो ।।4।।
शिलालेख के रुप
अनेक होय,
मंदिर -मस्जिद
चर्च गुरुद्वारे
सब में अंकित होय ।।5।।
शिला हूँ ,टूट सकता हूँ
लेकिन
जब तक नाम
अमिट हो जाएगा।
इसलिए कहता हूँ
कर्म करो
नाम अमर
हो जाएगा ।।6।।
शिलालेख हूँ,
कर्म करने
की प्रेरणा देता रहूँगा,
देवता हूँ,
सबको कर्म फल
प्रदान करते रहूँगा।।7।।
डॉ रमेश कुमार सोनसायटी गोबरा, नवापारा, राजिम
जिला रायपुर, छत्तीसगढ़…
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