”श्रृंगार से ज्यादा संघर्ष की सुंदरता” श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)
(मनोज जायसवाल)
निश्चित रूप से जिस स्त्री की हाथों में कलम है, वह दुनिया की सबसे सुंदर स्त्री कही जा सकती है,जिसके अर्थ समंदर से है। विस्तार के लिए आपको स्वयं को पूर्ण गंभीरता से मनन करना है।
लेकिन सुंदर स्त्री की फेहरिस्त में किसी श्रृंगार करती स्त्री से भी सुंदरता के मायने वहां नजर आता है, जो उन कठिन कार्यों में भागीदारी निर्वहन करते संघर्ष कर रही है। संघर्ष का ये सुंदर स्वरूप है,जो अपनी मातृ शक्ति स्वरूप को भी बयां करती नजर आती है।
जो कार्य पुरूषों का है। माना जाता है कि यह कार्य सिर्फ पुरूष ही कर सकता है। उन क्षेत्रों में अपनी ऊर्जा लगाते मिथ्या करार दिया जाता है। दिन भर की शारीरिक थकान, टूट जाने वाली जज्बा के बीच टूट कर भी वह अपने व बच्चों सहित पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ तले दबी मजबुरियां भी इन्हें उस संघर्ष से दूर जाने नहीं देती। भला किसे शौक कि दूर जाने जैसी शारीरिक थकान के बावजूद वो लगी रहे। बगैर अर्थ के कार्य यदि संपादित हो जाती तो तो किसे शौक है,पसीने से तरबतर होते कठिन रोजमर्रा के लिए संघर्ष करने का।
जीवनचर्या में गलत तरीके से अर्थ उपार्जन से तो बेहतर है कि कुछ लोग जो टेबल में बैठक कर तमाम कोर्ट कचहरियों तमाम कुछ उन लोगों के ब्लेकमेलिंग के रूप में दबी तली दिखावे के टशन से तो अच्छा है कि अल्प रोजी में सीने तानकर स्वाभिमान की जिंदगी जीयें।
सोशल मीडिया पटल पर अनर्गल कार्यों में संलिप्त जिससे समाज को कोई अच्छा संदेश नहीं जाता जिसमें कई लोग जुटे रहकर माथापच्ची एक दूसरे से कमेंट कर रहे होते हैं,उन्हें शायद ये चित्र कुछ लिखने को मजबूर नहीं करता।
– ये हैं, डॉ. राखी कोर्राम‚ नरहरपुर जो इन दिनाे युथ साहित्यकारों के बीच उत्कृष्ट एवं सरल रचनाओं के माध्यम अपनी कलम की दमदार पहचान बनायी है। दर्जनों पुरस्कार,सम्मान इनके नाम है।
शासकीय अस्पताल नरहरपुर‚कांकेर में परिचारिका की सेवा प्रदान करते हुए साहित्य सेवा के क्षेत्र में भी समय निकाल कर मुखर है,तो आध्यात्मिक क्षेत्र में भी इनकी सेवा छिपी नहीं है।
जिसके अंतर्गत नव आगंतुक बच्चों के लिए कपडे की जरूरत हो या उस वक्त जब कभी लोगों को आकस्मिक रूप से दवाई की जरूरत पडे तब ये अपने से सहयोग करती दिखती है। सबसे कटू बात कि समाजसेवा के नाम कभी इन्होंने अपने नाम करने का कभी विचार ही नहीं रहा।
– ये हैं, डॉ. मीरा आर्ची चौहान‚ कांकेर जिला मुख्यालय से सटे शासकीय उ.मा.वि. डुमाली में व्याख्याता के रूप में अपनी सेवा दे रही है। बालपन से शिक्षा क्षेत्र से जुडे परिवार में जन्मी डॉ. मीरा की साहित्यिक उपलब्धियां दर्जनों है,जो उनके साहित्य जीवन परिचय से ही जाना जा सकता है। सहृदया डॉ. मीरा को कौन नहीं जानता। साहित्य परिवार में उनका नाम ही काफी है। स्कूली क्षेत्र से वर्तमान तक अपने जीवन को वह संघर्षमय ही मानती है। जैसी उनकी साहित्य विचारधारा वैसे ही इनके कई शिष्य विभीन्न क्षेत्रों में आज अग्रणी है। साहित्यिक जिज्ञासाओं को दूर करना चाहते हैं,तो भौतिक रूप से किसी साहित्य आयोजन में ही भेंट किया जा सकता है।
– ये हैं, नलिनीप्रभा बाजपेयी‚भानुप्रतापपुर..वैसे तो सरस्वती शिक्षा संस्थान में इनकी उपलब्धियां इतनी है कि लोग इन्हें कभी नहीं भुल सकते। सरस्वती शिशु मंदिर भानुप्रतापपुर से जुडी रही। अध्यापन सेवा से हाल में शा. इंग्लिश मीडियम माध्यमिक शाला संजय पारा भानुप्रतापपुर से प्रधान पाठक के पद से सेवा निवृत्त तो हुई है,लेकिन साहित्य साधना में इतनी लीन है,कि तमाम रचनाओं के प्रकाशन के लिए भी शायद भविष्य में समय मिले।
आध्यात्मिक विचारों की नलिनी वो साहित्य हस्ती है,जिन्होंने देश के कई अन्य प्रदेशों से पुरस्कार अपने नाम किया है। साहित्यिक जीवनगाथा इतना कि उन्हें जानने के लिए आपको उनकी साहित्यिक जीवन परिचय को पढना ही ज्यादा उचित होगा। ये वो साहित्य हस्ती है,जिससे मिलना चाहें तो आपको बात करना ही पडेगा।
– संगीता मानिकपुरी, धमतरी। छत्तीसगढ़ की युवा लोकगायिका किसी पहचान की मोहताज नहीं है। कला संगीत के प्रति लगाव युं ही नहीं अपितु संगीत से लगाव का पारिवारिक पृष्ठभुमि है। धमतरी जिला मुख्यालय में शासकीय अस्पताल के पास वर्तमान में रहती है।
कला संगीत की पुजारन संगीता की संगीत जीवनयात्रा का सफर संगीतमय तो नहीं रहा लेकिन अपने अथक संघर्ष से सात सुरों में उन कठिन राहों को सरल बनाया है। वैसे तो छत्तीसगढ़ी गायन के हर विधा को उन्होंने छुने का प्रयास किया है,और सफल भी हुई है। जसगीत,सुवा,ददरिया,विवाह के साथ अन्य गीतों को स्वर दिया है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ी के अतिरिक्त अन्य प्रादेशिक भाषाओं में भी उनका प्रयास सार्थक रहा है।
इस प्रकार से महिला हस्तियों से अल्प शब्दों से हम मुखातिब कराते रहेंगे। आप बने रहिये सशक्त हस्ताक्षर के साथ….
बहुत ही सुंदर परिचय
संघर्ष ही जीवन है