(मनोज जायसवाल)
– संगठन एक पर 1610 लोगों को निलंबन के नाम बहाली जबकि बची 2582 कर्मियों को बर्खास्त के नाम बहाली केबिनेट की बैठक में किये जा सकने का दिया आश्वासन।
– सरकार द्वारा कर्मियों की पांच सुत्रीय मांगों को पूरा करते हुए बहाली की जायेगी तो हमें ,खुशी होगी सरकार का आभार मानेंगे अन्यथा मलाल रहेगा– श्रीमती सुमन शर्मा( प्रदेशाध्यक्ष छ.ग.नर्स एसोसिएशन) रायपुर
रायपुर(सशक्त हस्ताक्षर) अपनी पांच सुत्रीय मांगों को लेकर 21 अगस्त से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर रहे छ.ग. स्वास्थ्य फेडरेशन कर्मियों ने जो कि सरकार से चर्चा एवं आश्वासन उपरांत जनहित में अति आवश्यक सेवाओं को देखते अपना हडताल स्थगित कर दिया था। सरकार से सकारात्मक सहयोग की आशा करते हुए कई दिनों से विभाग सरकार से आस लगाए थे,लेकिन 4 अक्टूबर को बहाली आदेश तो निकाला गया है,लेकिन उसमें भी भेदभाव कर बांटने का काम किया है।
स्वास्थ्यकर्मी अपनी पांच सुत्रीय समान मांग को लेकर आंदोलन पर थे। जहां कुछ को निलंबन किया गया,कुछ की बर्खास्तगी। 4 अक्टूबर को जो बहाली के लिए आदेश निकाला गया है,जिसमे 1610 लोगों को निलंबित मानकर बहाली किया गया है। जबकि अभी 2582 लोगों का बहाली नहीं हुआ है,जो बर्खास्तगी की लिस्ट में है।
नियमित रूप से अपनी सकारात्मक मांगों की खातिर जिसके लिए हड़ताल पर गए थे,उन पांच मांगों में अभी तक किसी भी प्रकार से संज्ञान तक नहीं लिया गया है। इस लिस्ट को थमाते हुए यह बात की गई है कि आगामी दिनों में केबिनेट की बैठक होगी जिसमें बचे बर्खास्त 2582 कर्मियों के की बहाली किया जा सकता है।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कुल मिलाकर अभी भी संशय की स्थिति है, कि उनकी मांगों को सकारात्मक रूप से पूरा करते हुए बहाली की जायेगी या युं ही बहाली आदेश निकाला जायेगा।
अब केबिनेट की बैठक कब होगी यह जानकारी भी नहीं है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की बात करें तो 6 अक्टूबर को कांकेर में मुख्यमंत्री का प्रवास कार्यक्रम है,जिसमें प्रियंका गांधी का आगमन बताया जा रहा है। एक दिन पूर्व 5 अक्टूबर को तैयारी के चलते शायद ही केबिनेट की मीटिंग हो।
अब 6 अक्टूबर के बाद केबिनेट की मीटिंग होगी और बात पटल पर रखी जायेगी तब कोई बात बने, वह भी इनकी पांच मांगों में से कितने बिंदुओं पर पूरा करने का निर्णय लिया जाता है।
इन कर्मियों को दिन तारीख इसलिए भी गिननी पड रही है,कि आने वाले दिन में चुनाव का आचार संहिता लगना है। हालांकि इन्हें कुछ आश्वासन यह भी दे रहे हैं कि स्वास्थ्यकर्मी अतिआवश्यक सेवा के चलते चुनाव आयोग भी बहाली के लिए आदेश दे।
लेकिन बात सिर्फ बहाली की नहीं अपितु इनकी मांगों को पूरा करने के साथ बहाली की है।
तत्संबंध में छ.ग. नर्स एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती सुमन शर्मा से बात की जहां उन्होंने बताया कि उनके कर्मचारियों की बड़ी तादात है।
यदि उनकी मांगों को गहराई से लिया जाकर पूरा करते हुए सरकार द्वारा बहाली किया जाता है तो वे सरकार का हमेशा हमेशा के लिए आभार मानेंगे।
पर यदि उनकी मांग को अनदेखा करते हुए बहाली कर दिया जाता है तो निश्चित ही दुःख होगा। इसका समस्त कर्मियों को मलाल रहेगा। पर अपनी मांग आगे भी जारी रहेगी जिसके लिए जो हो सकता है, वह स्वास्थ्य कर्मचारी करेंगे।