”अकेला शब्द” डॉ. अचल भारती वरिष्ठ साहित्यकार बांका,बिहार
”अकेला शब्द” हॉं! अकेला शब्द निहत्था होता है उसे मारो मत ! उसे फेंको भी नहीं किसी गहरी खाई में गिराओ भी नहीं उसे किसी पहाड़ की चोटी से छितराओ भी नहीं उसे किसी समंदर की छाती पर तनि शब्द…
”अकेला शब्द” हॉं! अकेला शब्द निहत्था होता है उसे मारो मत ! उसे फेंको भी नहीं किसी गहरी खाई में गिराओ भी नहीं उसे किसी पहाड़ की चोटी से छितराओ भी नहीं उसे किसी समंदर की छाती पर तनि शब्द…