”गाथा, शब्द और अभिव्यक्ति की” डॉ. अचल भारती वरिष्ठ साहित्यकार बांका,बिहार
”गाथा, शब्द और अभिव्यक्ति की” डाॅं.अचल भारती कल तक शब्द कैद था घुप्प अंधेरे में डाल दिया गया था भूत की तंग कोठरी में पहुॅंचा दिया गया था जल्लाद के बूचड़ खाने तक सॅंजा दिया गया था मठाधीशों…