जिंदगी

‘जिंदगी में कुछ नहीं कर पाने का दुःख’ मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)

(मनोज जायसवाल) एक मध्यम शासकीय सेवक तो कुछ बडे ईमानदार अधिकारी भी जब सेवानिवृत्ति उपरांत अपने उसी जमीं पर आता है, तो कुछ का यही होता है कि अपनी जिंदगी तो हाय-हाय में गुजर गयी। आजीविका के दौर में जितनी…

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