”जोहार हो, कलार गौटिया” मनोज जायसवाल,संपादक ‘सशक्त हस्ताक्षर’ कांकेर छ.ग.
(मनोज जायसवाल) पहले भी कलार समाज समृद्ध रहा है,पर आज कालान्तर से ज्यादा समृद्ध सुखी एवं खुशहाल है। अतीत से ही कलार समाज में एकता की मिसाल रही है,पूर्व समाज सेवकों की भावनाएं आज भी अक्षुण्ण रह पाई है। सच…