”वे ठहरे लोग” डॉ. अचल भारती वरिष्ठ साहित्यकार कवि बांका बिहार

”वे ठहरे लोग” डॉ. अचल भारती वरिष्ठ साहित्यकार कवि बांका बिहार

वे ठहरे लोग वे ठहरे लोग चेहरे जिनके बोलते हैं क्ई एक हार की कहानी   जहाॅं जीवन उनका एकदम छोटा पड़ गया है ग्लोव को ही   सम्पूर्ण भूगोल मानकर आस्था भी उनकी हम सबसे अलग संघर्ष व संवेग…

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