‘शादी की जितनी भव्यता,दूसरी ओर जर्जर होते रिश्ते’ मनाेज जायसवाल,संपादक सशक्त हस्ताक्षर छ.ग.
जितनी आधुनिकता एवं भौतिकता की चकाचौंध में जा रहे हैं,जिस तरह जीवन की महती विवाह संस्कार के नाम शादियों का दौर चल रहा है,जहां चकाचौंध तो खूब है पर रिश्ते जर्जर हो गए है। मंहगी कार्ड और अपने ही नजदीकी…