समाज में ओहदे की मिथ्य अहं

”समाज में ओहदे की मिथ्या अहं” मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर छ.ग.

(मनोज जायसवाल) आपने अपने सामाजिक जीवन या फिर लोक प्रतिनिधित्व करते हुए कितनों पर सकारात्मक क्षेत्र में कार्य किया है। आपकी मंसुबा यदि इतना ही सही है तो कैसे अपनों पर कभी किसी की आजीविका के स्त्रोत पर तो कभी…

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