‘बाल अभिलाषा’ खुशी झा बाल साहित्यकार जमशेदपुर
मेरी बस है यही अभिलाषा सपने सच करने की आशा । जल्दी से बड़ी हो कर फिर आसमां में फिर उड़ने की आशा।। मन में मेरे कई खयाल कुछ छोटे तो कुछ हैं विशाल । मन में ठाना करुँगी साकार…
मेरी बस है यही अभिलाषा सपने सच करने की आशा । जल्दी से बड़ी हो कर फिर आसमां में फिर उड़ने की आशा।। मन में मेरे कई खयाल कुछ छोटे तो कुछ हैं विशाल । मन में ठाना करुँगी साकार…