besharmi ki had

बेशर्मी की हद…

(मनोज जायसवाल) कितनों को देखो जो महज कुछ लाइक कमेंट की खातिर कोई कमर हिला रहे हैं तो कोई ठुमका लगा रही है। तो कोई डायलाग के लिए हमेशा तैयार दिखते हैं। बेशर्मी की हद इतनी पार हो चुकी है…

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