दुखों पर ही याद किए जाते हैं ”दामाद” श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर छ.ग.
‘दामाद’ परिवार का एक अहम जिम्मेदार सदस्य के रूप में जाना जाने वाला पुराना स्वर्णिम अतीत से रिश्ता रहा है।लेकिन आज उपेक्षित रिश्ता बनते जा रहा है। लेकिन अब संभवतया दामाद को वह सम्मान नहीं मिलता जो पहले मिला करता…