hamari jamhuriyat

हमारी ज़मूरियत कितनी परिपक्व है? श्री राकेश प्रताप सिंह परिहार वरिष्ठ पत्रकार बिलासपुर(छ.ग.)

क्या भारतीय लोकतंत्र भीड़तंत्र में बदल रहा है ? पिछले कुछ वर्षो से यह सुन सुन कर कान पक गए है… की आखिर लोकतंत्र में जनता द्वारा दिए गए जनादेश का ही तो महत्व है। पर यह बहुत बड़ा पर…

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