holi hai rani sharma kanker

‘होली है’ श्रीमती रानी शर्मा समाजसेवी,साहित्यकार कांकेर छ.ग.

‘होली है’ होली है भई होली है। दिलों में उमंगो की मस्ती छाई । नगाड़ों की थाप पर,गीतों की लय पर, मतवाला मन थिरक-थिरक जाए। होली है भई होली है। भूल कर भेद-भाव,एक दूजे को मल रहे गुलाल। दूर हुए…

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