IS DIL KE TARO SE

इस दिल के तारों से…….

(मनोज जायसवाल) हरी भरी वनस्पतियों के लदी, जंगल में कहीं कोयल की कूक,झरने की झर झर की आवाज,रंग बिरंगे पक्षियों की चहचहाहट देर शाम उल्लू की आवाजें। चाहे फुर्सत के पल हो या कामकाज का समय। उन्हें नहीं लगता कि…

error: Content is protected !!