जिम( हास्य-कविता) श्रीमती झरना माथुर साहित्यकार,गायिका देहरादून उत्तरांचल
जिम( हास्य-कविता) कुछ ऐसी हवा चली है, बॉडी को बनाने की। चाहत है बज़न घटाना, मर्द जिम जा रहे हैं। घर मे वो कुछ न करते, बस हुक्म ही बजाते, अब जिम मे जाकर वो, भार उठा रहे है। कारो…