kai pratibhayen manch tak manoj jaiswal

कई प्रतिभाएं मंच तक नहीं आ पाती (मनोज जायसवाल, संपादक सशक्त हस्ताक्षर छ.ग.)

  ठीक है, छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बहुतायत रूप से यहां के प्रतिभाओं ने अपना लोहा मनवाते अपनी उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन किया। सब अपनी विधा का प्रदर्शन चाहते हैं। उन्हें सबसे पहले अपनी विधा को स्थान चाहिए। अर्थ…

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