”मैं” श्रीमती रानी शर्मा समाजसेवी कांकेर छत्तीसगढ़
”मैं” मैं मुझको मैं में ढूंढा करती हूँ। कौन हूँ?क्या हूँ? खुद से पूछा करती हूँ। बिटिया हुई, सबने प्यार किया। जन्म लेते ही क्यों? बिटिया पराई कहलाई। सदा ही माँ-बाबूजी की परछाई रही। भाइयों की बहना पहचान हुई। सब…