मैं शब्द हूॅं! डॉ. अचल भारती वरिष्ठ साहित्यकार बांका,बिहार
( शब्द : एक उदघोष) मैं शब्द हूॅं तिरस्कृत फेंका हुआ युग- पथ पर सवार हूॅं इकलौता शब्द- शब्द की शक्ति है मेरा सुदर्शन मुझसे ही सॅंजता है सत्य सॅंवरता है सौन्दर्य संकल्प एक है मेरा संतुलित सृष्टि मैं शब्द…