”पायल”श्रीमती रानी शर्मा साहित्यकार समाजसेवी कांकेर छ.ग.
”पायल” पैरों में सजती है पायल। सबको दीवाना बनाती है पायल। नन्हीं बिटिया के पैरों के पायल,जब छम-छम बाजे। ममता सब कुछ न्यौछावर कर दे। गोरी के पायल के सुन रूनझुन । प्रियतम दिल धड़क-धड़क जाए। मन भौंरा गुनगुनाये।…