प्रेरणा : एक गीत श्री रवि शर्मा साहित्यकार अल्मोड़ा ( सल्ट ) उत्तराखंड
ओ सुन्दर प्यारे झरने… ओ सबसे न्यारे झरने… तुम रवि की स्वर्णरश्मि में, कैसे सुन्दर लगते। और चांदनी रात में, बर्फ से सुन्दर लगते।। सुबह से शाम तक, तुम कूदते उछलते। हँसते गाते जैसे चलते, और कभी ना थकते।। झर-झर…