‘वादा’ श्रीमती रानी शर्मा समाजसेवी, कांकेर छत्तीसगढ
‘वादा’ जब गम बहुत सताते हैं, मुस्कुराते हैं,हंसते हैं, खिलखलाते हैं। वादा जो किया है तुमसे, हर वादा निभाते हैं। यादें जब बहुत सताती है, अंखियाँ बरबस बरस-बरस जाती है। पानी के छींटों से, आंसुओं को छिपाते हैं। वादा…