कपडे सफेद रहे पर स्याह ना रहे

”कपडे सफेद रहे पर स्याह ना रहे” मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)

-साहित्य हस्ती के नाम अपनी पहचान भी बनाने अमादा हैं, तो आधुनिक वस्त्रों पर फिल्मी गानों पर ठुमके भी (मनोज जायसवाल) कपडों का असर तो निश्चित रूप से पडता है,तभी धार्मिक,आध्यात्मिक के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही अंतिम…

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