”ये क्षणिकाएँ” श्री स्वराज करूण वरिष्ठ साहित्यकार‚ सम्पादक ‘कुछ ही क्षणों में’ पिथौरा(छ.ग.)
-न्यूनतम शब्दों में अधिकतम कहने की हिम्मत रखती हैं ये क्षणिकाएँ ( स्वराज्य करुण) यह एक सच्चाई है कि दुनिया के प्रत्येक मनुष्य और यहाँ तक कि प्रत्येक जीव का जीवन क्षणभंगुर होता है। मेरी शुभकामना है कि सभी स्वस्थ…