‘वैवाहिक संस्कारों में भीड की कुरीति’ मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)
(मनोज जायसवाल) महानगरीय ‘शहरिया’ संस्कृति आज गावों तक आने से जिस तरह आर्थिक ढांचे को पोला कर रही है,निश्चित रूप से कहीं पुनः अतीत के वो दिन ना आए जहां हम जीवन के संस्कारों को अपने परिजनों के साथ पूरा…