पति की मौत का गम नहीं श्री मनोज जायसवाल,संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर, छ.ग.
पति की मौत के बाद तो वैसे भी यह बड़ा जीवन किसी औरत के लिए बे रसीली हो जाती है। लंबा जीवन है,जिसे पूरी सादगी के साथ अपने बच्चों की खातिर मर मर कर जीना है। धरातलीय सच यह भी…
पति की मौत के बाद तो वैसे भी यह बड़ा जीवन किसी औरत के लिए बे रसीली हो जाती है। लंबा जीवन है,जिसे पूरी सादगी के साथ अपने बच्चों की खातिर मर मर कर जीना है। धरातलीय सच यह भी…