”साफ आईने की तस्वीर” डाॅं.अचल भारती वरिष्ठ साहित्यकार कवि बांका,बिहार
”साफ आईने की तस्वीर” तुम्हारे खून में समाई गुलामी ने तुम्हें सबकुछ सह लेने को मजबूर किया है और तूने अपनी नियति पर जैसे कुछ न करने की कसमें खा ली है ‘ देखना मना है ‘ तख्त के पीछे…
”साफ आईने की तस्वीर” तुम्हारे खून में समाई गुलामी ने तुम्हें सबकुछ सह लेने को मजबूर किया है और तूने अपनी नियति पर जैसे कुछ न करने की कसमें खा ली है ‘ देखना मना है ‘ तख्त के पीछे…