तलाकः’दंश भरी जीवन यात्रा’ मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)
(मनोज जायसवाल)
‘सशक्त हस्ताक्षर’आलेखों के माध्यम सामाजिक सरोकार पर कार्य करते धरातलीय खाका प्रस्तुत किए जाने पर जोर दी जा रही है। तत्संबंध में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में हमने डंडसेना कलार समाज में तलाक की स्थिति के संबंध में पूर्व संभागीय अध्यक्ष सहित कई समाजसेवियों से बातचीत की जहां पाया कि बीते पांच वर्ष में तकरीबन 10 तलाक के प्रकरण आये। प्रकरण समाज के अंदर निराकृत भी कराये गये हैं। साहू समाज से भी आंकड़े पर बात की जा रही है। तहसील स्तर के बाद जिला स्तर पर प्रकरण जाने से सीधे तौर पर जिला स्तर पर आंकड़ा मिलने में देरी हो रही है। छत्तीसगढ़ में तकरीबन 52 जाति के लोग निवासरत हैं,जिनका अपना समाज है।
‘सशक्त हस्ताक्षर’ का प्रयास है कि समय-समय पर वस्तु स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराये,इन उदृेश्यों के चलते कि समाज की विसंगतियां दूर होकर प्रकरण कम आये। तलाक के संबंध में मुस्लिम समाज प्रमुख मो.जावेद कांकेर से मुखातिब होने पर बताया कि उनके समाज में तलाक की संख्या नगण्य है।
अभी हम तलाक के विषय पर छत्तीसगढ के वरिष्ठ साहित्यकार प्रशासनिक अधिकारी रायपुर तथा सतनामी समाज के जागरूक बुद्विजीवी डॉ. किशन टण्डन क्रांति से तलाक मुद्दे पर राय जाननी चाही। पेश है हमारे प्रश्न और उनके उत्तर…
इसी तरह आप भी अपनी जानकारी प्रेषित कर सकते हैं।

उत्तर: इसका मूल कारण समझ की कमी और समर्पण का अभाव है। इससे’तू-तू, मैं-मैं’ को बढ़ावा मिलता है। एकल परिवार होने के कारण भी पति-पत्नी के मध्य समन्वय करने वाले परिजनोंकाअभावहोता है। कई मामलों में आर्थिक स्वावलम्बन भी इसका एक कारण है।
प्रश्न: मूल रूप से किन बिन्दुओं के चलते तलाक हो रहे?
उत्तर : अति उच्च महत्वाकांक्षा, ईगो को बढ़ावा दे रही है। आज पति-पत्नीकेबीच’हम की भावना (WeFeeling) विलुप्त होती जा रही है।यहीवजहहै कि तलाकों की संख्या दिनो-दिन बढ़तीजा रही है।
प्रश्न : पहले तलाक की संख्या नगण्य क्यों थी?
उत्तर : पहले पति-पत्नी केमध्यआन्तरिक एकता होती थी। वे विवाह को जन्म-जन्मान्तर का बन्धन मानते थे।हृदय में सांस्कृतिक भावना विद्यमान होती थी।
प्रश्न: तलाक हेतु जिम्मेदार कौन है?
उत्तर: स्वच्छन्दता की भावना एवं आधुनिक जीवन शैली तलाकोंमेंवृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।
प्रश्न: तलाक को कैसे रोका जा सकता है?
उत्तर: परस्पर समन्वय एवं समझदारी सेतलाक को रोका जा सकता है। घर के बड़े बुजुर्गों को चाहिए कि वे भी समय रहते दोनों को समझाएँ।
प्रश्न : तलाक के बाद की स्थिति लड़की पक्ष के लिए क्या हो?
उत्तर : सबसे उत्तम है उपयुक्त जीवनसाथी का चुनाव कर परिवार बसाएँ। बच्चे हों तो उनकी शिक्षा-दीक्षा और पालन-पोषण के लिए गुजारा भत्ता प्राप्त करें।सम्पत्ति पर भी उनका हक मांगें।
– डॉ. किशनटण्डनक्रान्ति
साहित्यकार/प्रशासनिकअधिकारी