‘कला कौशल वार्षिक अधिवेशन में काव्य संग्रह का विमोचन’
-पूरे सत्र छंद में ही चला जो छत्तीसगढ़ में पहला ऐसा कार्यक्रम है। काव्य संग्रह महिमा वीर नारायण का भव्य विमोचन।
दुर्ग(सशक्त हस्ताक्षर)। नगर में 23 अप्रेल को कला कौशल साहित्य संगम के वार्षिक अधिवेशन एवं सम्मान समारोह के पावन अवसर पर डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर (प्रधान संपादक), एवं मणिशंकर दिवाकर अधिवक्ता गदगद एवं मानक दास ‘मगन’ के सह – संपादक में राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह महिमा वीर नारायण का भव्य विमोचन हुआ ।
विमोचन समारोह में रेश्मा सूर्यवंशी नगर पंचायत अध्यक्ष बाराद्वार,अरुण तिवारी,रामेश्वर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार,संजय पांडेय वरिष्ठ साहित्यकार, गोप कुमार मिश्र,प्रतिभा प्रसाद कुमकुम, दिनेश दिनकर,मनीषा सहाय,अर्चना पाठक ,प्रतिभा त्रिपाठी,विजय तिवारी,संतोषी श्रद्धा महन्त,कौशल महन्त,कुमार कारनिक, जगबंधु यादव एवं प्रेमचंद साव मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
पूरे सत्र छंद में ही चला
कला कौशल के स्थापना दिवस के पावन अवसर पर प्रथम सत्र में छंद माल्य का कार्यक्रम पूरे सत्र छंद में ही चला जो छत्तीसगढ़ में पहला ऐसा कार्यक्रम है जो पूरी सत्र छंद पर चर्चा,छंद पर प्रस्तुति छंद में ही परिचय एवं छंद में ही आभार व्यक्त किया गया।द्वितीय सत्र में महिमा वीर नारायण पुस्तक का विमोचन हुआ। इसमें साझा संकलन में शामिल होने वाले साहित्यकार हजारी लाल कुर्रे, डॉ हेमन्त खटकर, सीमारानी प्रधान,गंगाशरण पासी, मानक दास,मणिशंकर दिवाकर, डिजेन्द्र कुर्रे,प्रेमचंद साव,रमेश कुमार रसिय्यार, वेदप्रकाश खांडेकर,मनीलाल पटेल,ननकी पात्रे, महेतरु मधुकर,सुरेश चंद्रा,हरिराम साव,आनंदराम चौहान,लक्ष्मण पटेल, मुकेश चतुर्वेदी मीर,मोहन,विमला माहेश्वरी, ओम प्रकाश पात्रे, बनारसी यादव, डॉ.जयराम पटेल, एवं और कई साहित्यकारों की रचना सम्मिलित है।
वार्षिक अधिवेशन के कार्यक्रम में डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर के संपादकीय में महिमा वीर नारायण काव्य संग्रह का। विमोचन होना गौरव का पल था।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के वीर सपूत महान क्रांतिकारी वीर नारायण सिंह के ऊपर पुस्तक सृजन करना एक सपना था जो साकार हुआ।आने वाली पीढ़ी भी क्रांतिकारी ऐसे वीर सपूत के लिए गीत कविता युगों युगांतर तक पढा जाएगा।