Homepageकविता‘व्याख्यान’ डॉ. विजय पंजवानी, साहित्यकार, समाजसेवी धमतरी(छ.ग.) कविता काव्य देश ‘व्याख्यान’ डॉ. विजय पंजवानी, साहित्यकार, समाजसेवी धमतरी(छ.ग.) Manoj Jaiswal Posted on February 22, 2024 ‘व्याख्यान’ ये जो इतराते हैं अपनी उपब्धियों पर काश….. उन्हें मालूम हो जाए कि यह सब कितना क्षण भंगुर है…. और यह जो मैं व्याख्यान सा दे रहा हूं व्यास पीठ पर बैठकर… काश मुझे भी भान हो जाए कि यह सब कितना मूर्खतापूर्ण है। Manoj Jaiswal View all posts Post navigation Previous Post”नैना धाकड रानी माँ गाइदिन्ल्यू पुरुस्कार से नागपुर में अलंकृत” Next Post”झोपड़ी” कु. माधुरी मारकंडे साहित्यकार‚धमतरी(छ.ग.) You Might Also Like कविता ”सृजनहार” डॉ. राखी कोर्राम ‘गुडिया’ साहित्यकार कांकेर (छ.ग.) Manoj Jaiswal October 21, 2023 कविता ”अस्तित्व की लडाई” श्रीमती रीना मौर्या शिक्षिका साहित्यकार कांकेर छत्तीसगढ Manoj Jaiswal October 4, 2022 कविता ”चेहरा”श्रीमती पुष्पलता इंगोले वरिष्ठ साहित्यकार कवयित्री धमतरी छत्तीसगढ Manoj Jaiswal January 12, 2022 कविता ‘मेरी महात्वाकांक्षा’ मीरा आर्ची चौहान शिक्षिका साहित्यकार कांकेर छ.ग. Admin October 26, 2021
कविता ”अस्तित्व की लडाई” श्रीमती रीना मौर्या शिक्षिका साहित्यकार कांकेर छत्तीसगढ Manoj Jaiswal October 4, 2022
कविता ”चेहरा”श्रीमती पुष्पलता इंगोले वरिष्ठ साहित्यकार कवयित्री धमतरी छत्तीसगढ Manoj Jaiswal January 12, 2022